Advocate Kaise Bane, एडवोकेट कैसे बने
एडवोकेट (वकील) कैसे बने, एडवोकेट कैसे बने, Advocate Kaise Bante Hai, वकील कैसे बने, वकील का काम क्या होता है दोस्तों हमारें देश में बहुत से छात्र कानून से जुडी जानकारी प्राप्त करके लोगो के अधिकार के लिए लड़कर देश की सेवा करना चाहते है. ऐसे सभी छात्र जो Advocate Kaise Bane इसके कार्य क्या होते है और लोगो की सेवा कैसे की जाती है ये जानना चाहते है और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते है वे इस आर्टिकल को आखिर तक पढ़ें ताकि आपको यहां बताई गई सम्पूर्ण जानकारी अच्छे से समझ में आ सकें.
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Educational Qualification and Age to Become Advocate, अधिवक्ता बननें हेतु शैक्षिक योग्यता और आयु
Advocate Kaise Bane: एलएलबी के पाठ्यक्रम दो प्रकार के होते है, एक पाठ्यक्रम में 5 वर्ष का कोर्स होता है तथा दूसरे पाठ्यक्रम में 3 वर्ष का कोर्स होता है, यदि आप 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करनें के बाद लॉ की तैयारी करना चाहते है, तो आपको पांच वर्षो का पाठ्यक्रम पढ़ना है, यदि आप इस पाठ्यक्रम को ग्रेजुएशन करनें के बाद करना चाहते है, तो यह पाठ्यक्रम 3 वर्ष का होगा, इस पाठ्यक्रम के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 20 वर्ष होनी चाहिए.
How to Become an Advocate, Advocate or Lawyer, एडवोकेट, अधिवक्ता अथवा वकील कैसे बनें
एलएलबी का पूरा नाम बेचलर ऑफ़ लॉ है, एलएलबी में आपको कानून के बारें में अध्ययन करवाया जाता है, वकालत की पढाई करनें के लिए उम्मीदवार को सबसे पहले बारहवीं कक्षा पास करनी होगी, यह पढ़ाई आप आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस किसी भी सब्जेक्ट से कर सकते है, यदि आप आर्ट्स पढ़ते है, क्योंकि इसमें आपको कुछ लॉ के बारे में बताया जाता है, जैसे ही आप बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते है, और इसके बाद आप वकील बननें की पढाई करना चाहते है, तो इसके लिए आप एंट्रेंस एग्जाम देना होगा, आल इंडिया लेवल पर क्लैट (CLAT) अर्थात कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट में सम्मिलित होना होगा.
इस परीक्षा में पास होने के बाद, आप लॉ कॉलेज में एडमिशन ले सकते है, जो पूरे पांच वर्ष का कोर्स होता है, इस एंट्रेंस एग्जाम में एक कॉमन टेस्ट होता है, इसमें आपसे इंग्लिश, लॉजिकल रीजनिंग, लीगल एप्टी, गणित और जनरल अवेयरनेस से सम्बंधित सवाल पूछें जाते है.
पाठ्यक्रम | अवधि |
एलएलबी | तीन वर्ष |
बीए एलएलबी (ऑनर्स) | पांच वर्ष |
बीएससी एलएलबी (ऑनर्स) | पांच वर्ष |
बीकॉम एलएलबी (ऑनर्स) | बीकॉम एलएलबी (ऑनर्स) |
एलएलएम | दो वर्ष |
बीए एलएलबी करने के साथ ही अभ्यर्थी को किसी स्पेशलाइज्ड फील्ड जैसे कॉरपोरेट लॉ, पेटेंट लॉ, क्रिमिनल लॉ, साइबर लॉ, फैमिली लॉ, बैकिंग लॉ, टैक्स लॉ, इंटरनेशनल लॉ, लेबर लॉ, रीयल एस्टेट लॉ आदि में विशेष योग्यता प्राप्त करना होता है, जिससे की आगे जाकर उसी विशेष विषय रूप से वकालत कर सके.
इंटर्नशिप
लॉ स्कूल से पढ़ाई समाप्त करनें के बाद आपको इंटर्नशिप करना जरुरी है, इस इंटर्नशिप के दौरान आपको कोर्ट कचेहरी के बारें में सिखया जाता है, जैसे कोर्ट की हियरिंग कैसे होती है, दो वकील किस पक्ष के लिए और कैसे वकालत करते है?, यह सभी जानकारी इंटर्नशिप के अंतर्गत दी जाती है.
स्टेट बार काउंसिल के लिए एनरोल
इंटर्नशिप करनें के बाद, आपको किसी भी स्टेट बार काउंसिल में अपने आप को एनरोल कराना होता है, इसमें एनरोल करनें के बाद आपको आल इंडिया बार एग्जामिनेशन को पास करना होता है, जो की बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा कंडक्ट किया जाता है, इसमें सफल होने केबाद आपको प्रैक्टिस का सर्टिफिकेट दे दिया जाता है, इस प्रकार आपकी एलएलबी कोर्स अर्थात वकील बननें की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इस कोर्स के बाद आप अपनी प्रैक्टिस को शुरू कर सकते है, अथवा आगे की पढ़ाई एलएलएम अर्थात मास्टर इन लॉ कर सकते है.
Better And New Careers in The Profession of Advocacy, वकालत के पेशें में बेहतर और नए करियर
एन्वॉयरनमेंटल लॉयर
एन्वॉयरनमेंट लॉ के अंतर्गत, उन चीजों को समाप्त होनें से बचाने के बारें में समझाया जाता है, जो हमें प्रकृति ने प्रदान किए हैं, ऐसे मामलों में कई बार पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन दायर की जाती हैं, जिसके लिए एन्वॉयरनमेंटल लॉ में निपुण लोगों की मांग होती है, इसके अतिरिक्त एनजीओ में ऐसे लोगों की अधिक मांग होती है.
2. साइबर लॉयर
वर्तमान समय में ऑनलाइन और साइबर अपराध से जुड़े मामले कुछ अधिक ही सामने आ रहे है, इसमें अधिकांशतः फर्जी और धमकी भरे ई-मेल भेजना, कंपनियों के साथ धोखा-धडी, सॉफ्टवेयर की चोरी, एसएमएस हैकिंग, मोबाइल की क्लोनिंग आदि शामिल हैं, इन सब मामलों को देखते हुए कंप्यूटर और नेटवर्क सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा है.
3. पेंटेट एंड कॉपीराइट लॉयर
पेटेंट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत किसी भी नई खोज से बनने वाले प्रोडक्ट पर एकाधिकार प्रदान किया जाता है, यदि कोई पार्टी प्रोडक्ट बनाना चाहती है, तो इसके लिए इन्हें लाइसेंस लेने की जरूरत है, और उस पर रॉयल्टी देनी पडती है, इस प्रकार इससे सम्बन्धित सभी कार्य एक लायर के दिशा निर्देशन में किया जाता है.
4. लेबर लॉयर
कर्मचारियों और उनके अधिकारों से जुडी समस्याओं के समाधान के लिए लेबर लॉ बनाया गया है, वर्तमान में इस क्षेत्र से जुडी समस्याएं अदालत में भी आती हैं, इस क्षेत्र में भी अच्छा करियर बनाया जा सकता है.
5. इंटरनेशनल लॉयर
इंटरनेशनल लॉ के अंतर्गत, राष्ट्रों के राष्ट्रीय हितों के बीच होने वाली समस्याओं को कानून द्वारा निराकरण किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय घटनाओं में रुचि रखनें वाले व्यक्ति के लिए उपयुक्त है. कॉरपोरेट लॉयर विभिन्न प्रकार के उद्योग व्यापारों के दौरान कर समस्याओं एवं अन्य प्रकार की समस्याओं का हल निकालना इनका मुख्य काम है. कारॅपोरेट क्षेत्र में इस तरह के विशेषज्ञों की मांग अधिक है.
Rights of Advocate, अधिवक्ता के अधिकार
- अधिवक्ता को न्यायालय में किसी अन्य व्यक्ति की और से अपनी बात रखने का अधिकार होता है. धिवक्ता किसी दूसरे व्यक्ति के स्थान पर दलील प्रस्तुत करता है, इसका प्रयोग मुख्यत: कानून के सन्दर्भ में होता है जो लोग अपनी बाद को कह नहीं पाते है उनकी बात को अधिवक्ता आवश्यकतानुसार प्रभावी ढंग से रखने का अधिकारी होता है.
- उच्चतम न्यायालय में नामांकित ऐडवोकेट देश के किसी भी न्यायालय के समक्ष प्रतिपादन करने का अधिकार रखता है.
- ऐडवोकेट जनरल अर्थात् महाधिवक्ता शासकीय पक्ष का प्रतिपादन करनें हेतु प्रमुखतम अधिकारी होता है.
- वकील संपित्त संबंधी विषयों, आपराधिक विषयों, संविधानिक विषयों एवं परिवारिक विषयों आदि सभी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
निष्कर्ष: इस आर्टिकल मे हमने आपको Advocate Kaise Bane, एडवोकेट कैसे बने के बारें मे विस्तार से जानकारी प्रदान की है इसी प्रकार आप करियर से जुड़ी जानकारी के लिए आप SearchDuniya.In पोर्टल को डेली विजिट करके जानकारी प्राप्त कर सकते है।
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