Atal Bihari Vajpayee, अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी कुछ रोचक बातें जो आपको जानना चाहिए
Atal Bihari Vajpayee biography
Atal Bihari Vajpayee, अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी कुछ रोचक बातें जो आपको जानना चाहिए
Atal Bihari Vajpayee biography, Birth Anniversary in hindi आज के इस आर्टिकल में आपको अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी के बारें में जानकारी प्रदान करने जा रहे है।
अटल बिहारी वाजपेयी एक बहु प्रतिभावान राजनैतिज्ञ थे जो की काफी समय तक राजनीति में सक्रिय रहे अपने राजनैतिक समय में अटल बिहारी वाजपेयी बहुत ही प्रशंसनीय राजनेता थे। अटल जी के जैसे नेता होना पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उनके बहुत से कार्यों की वजह से देश आज इस मुकाम पर है। जवाहरलाल नेहरु के बाद अगर कोई 3 बार प्रधानमंत्री बना है तो वो अटल बिहारी वाजपेयी है। अटल जी भारत की आजादी के पहले से राजनीती में आ गए थे, उन्होंने गाँधी जी के साथ भारत छोड़ो आन्दोलन में भी भाग लिया था, और कई बार जेल जाने की पीड़ा भी सही थी।
अटल बिहारी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, वे अच्छे कवी भी है, जो राजनीती पर भी अपनी कविता और व्यंग्य से सबको आश्चर्यचकित करते रहे है, उनकी रचनाओं को लोग आज भी पढ़ते है। अटल जी को अपनी मातृभाषा हिंदी से भी बेहद प्रेम है, अटल जी पहले राजनेता बने, जिन्होंने यू एन जनरल असेंबली में हिंदी में भाषण दिया था। अटल जी पहली बार सिर्फ 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने थे। इसके 1 साल के बाद वे फिर प्रधानमंत्री बने लेकिन इस बार भी ये अवधि एक साल के लिए ही रही। तीसरी बार अटल जी जब प्रधानमंत्री बने तब उनका कार्यकाल पूरा 5 साल का रहा और ये सबसे अधिक सफल माना गया।
Atal Bihari Vajpayee biography in hindi
जीवन परिचय | अटल बिहारी जीवन परिचय |
पूरा नाम | अटल बिहारी वाजपेयी |
जन्म | 25 दिसम्बर 1924 |
मृत्यु | 16 अगस्त 2018 |
जन्म स्थान | ग्वालियर, मध्यप्रदेश |
माता-पिता | कृष्णा देवी, कृष्णा बिहारी वाजपेयी |
विवाह | नहीं हुआ |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
अवार्ड | 992 – पद्म विभूषण 1994 – लोकमान्य तिलक अवार्ड 1994 – बेस्ट सांसद अवार्ड 1994 – पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त अवार्ड 2014 – भारत रत्न |
अटल बिहारी वाजपेयी बचपन की जानकारी
अटल जी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, अटल बिहारी वाजपेयी 7 भाई बहन थे। उनके पिता कृष्णा बिहारी स्कूल टीचर व कवी थे। स्वरास्ती स्कूल से स्कूलिंग करने के बाद अटल जी ने लक्ष्मीबाई कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया, इसके बाद उन्होंने कानपूर के DAVV कॉलेज से इकोनोमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
अटल बिहारी वाजपेयी राजनैतिक सफर
अटल बिहारी वाजपेयी राजनैतिक सफर स्वतंत्रता संग्रामी के रूप में शुरू हुआ। 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन में बाकि नेताओं के साथ उन्होंने भाग लिया और जेल भी गए, इसी दौरान उनकी मुलाकात भारतीय जनसंघ के लीडर श्यामा प्रसाद मुखर्जी से हुई। अटल जी ने मुखर्जी जी के साथ राजनीती के दाव पेंच सीखे।
- 1954 में बलरामपुर से वे मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेंट चुने गए. जवानी के दिनों में भी अटल जी को अपनी सोच व समझ के कारण राजनीती में काफी आदर व सम्मान मिला।
- 1968 में दीनदयाल उपाध्या की मौत के बाद अटल जी जन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए. इसके बाद उन्होंने कुछ सालों तक नानाजी देसाई, बलराज मध्होक व लाल कृष्ण आडवानी के साथ मिलकर जन संघ पार्टी को भारतीय राजनीती में आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की।
- 1977 में भारतीय जन संघ पार्टी ने भारतीय लोकदल के साथ गठबंधन कर लिया, जिसे जनता पार्टी नाम दिया गया।
- जनता पार्टी ने बहुत जल्दी ग्रोथ की और लोकल चुनाव में उसे सफलता भी मिली, इसके बाद जनता पार्टी के लीडर मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री बने और सत्ता में आये तब अटल जी को एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर बनाया गया. इसी के बाद वे चाइना व पाकिस्तान दौरे में गए, जहाँ उन्होंने इस देशों से भारत के संबंध सुधारने का प्रस्ताव रखा।
- 1979 में जब मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया, तब जनता पार्टी भी बिखरने लगी। अटल जी ने 1980 में लाल कृष्ण आडवानी व भैरव सिंह शेखावत के साथ मिल कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) बनाई, और पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए. अगले पांच सालों तक अटल जी ही पार्टी के अध्यक्ष रहे।
- 1984 के चुनाव में बीजेपी सिर्फ 2 सीट से हारी, जिसके बाद अटल जी ने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जी तोड़ काम किया और पार्लियामेंट के अगले चुनाव 1989 में बीजेपी 88 सीटों की बढ़त के साथ आगे रही।
- 1991 में विपक्ष की मांग के चलते एक बार फिर पार्लियामेंट में चुनाव हुआ, जिसमें एक बार फिर बीजेपी 120 सीटों के साथ आगे रही।
- 1993 में अटल जी सांसद में विपक्ष के लीडर बनके बैठे. नवम्बर 1995 में मुंबई में हुई बीजेपी कांफ्रेंस में अटल जी को बीजेपी का प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित किया गया।
अटल बिहारी वाजपेयी के मुख्य कार्य
- सत्ता में आने के जस्ट 1 महीने बाद अटल जी व उनकी सरकार ने मई 1998 में राजिस्थान के पोखरम में 5 अंडरग्राउंड नूक्लियर का सफल टेस्ट करवाए। परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा, जिसकी चर्चा देश विदेश में भी जोरों पर रही।
- अटल जी द्वारा शुरू किये गए नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (NHDP) व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) उनके दिल के बेहद करीब थी, वे इसका काम खुद देखते थे. NHDP के द्वारा उन्होंने देश के चार मुख्य शहर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई व कोकत्त्ता को जोड़ने का काम किया. PMGSY के द्वारा पुरे भारत को अच्छी सड़कें मिली, जो छोटे छोटे गांवों को भी शहर से जोड़ती।
- कारगिल युद्ध व आतंकवादी हमले के दौरान अटल जी द्वारा लिए गए निर्णय, उनकी लीडरशिप व कूटनीति ने सबको प्रभावित किया जिससे उनकी छवि सबके सामने उभर कर आई।
अटल बिहारी वाजपेयी अवार्ड व अचिवेमेंट्स
- 1992 में देश के लिए अच्छे कार्य करने के कारण अटल जी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
1994 में उनको बेस्ट सांसद का अवार्ड मिला। - 2014 में देश के सर्वोच्य सम्मान भारत रत्न से अटल जी को सम्मानित किया गया. ये सम्मान उनके जन्म दिन 25 दिसम्बर को रास्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा उनके निवास स्थान पर दिया गया. अटल जी के लिए पहली बार किसी राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल तोड़ कर घर जाकर सम्मान दिया।
- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अटल जी को भारतीय राजनीती का भीष्म पितामह कहते है।
- अटल जी चार अलग अलग प्रदेशों उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात व दिल्ली से सांसद चुने गए।
- अटल जी को संगीत का भी बहुत शौक है, उनके पसंदीदा संगीतकार लता मंगेश्वर, मुकेश व मो रफ़ी है। अटल जी ने आजीवन शादी ना करने की प्रतिज्ञा ली थी, जिस पर वे कायम भी रहे. उनकी गोद ली हुई बेटी नमिता व नंदिता के वे बेहद करीब है, अटल जी अपने सभी रिश्तेदारों से भी बेहद लगाव रखते है।
93 वर्ष की आयु में हुआ निधन ( Death)
- इस महान राजनेता ने अपने जीवन की अंतिम सांस दिल्ली के एम्स में 16 अगस्त, 2018 को ली। इनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक इनका निधन निमोनिया और बहु अंग विफलता के कारण हुआ।
- गौरतलब है कि अटल जी लंबे समय से बीमार थे और साल 2009 में ये स्ट्रोक का भी शिकार हो गए। जिसके कारण इनके सोचने समझने की क्षमता पर असर पड़ा और ये धीरे धीरे डिमेंशिया नामक बीमारी से ग्रस्त हो गए।
निधन पर किया राजकीय शौक का ऐलान
भारत रत्न से नवाजे गए अटल जी की मृत्यु पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा पूरे देश में सात दिन राजकीय शोक की घोषणा की गई है और सात दिनों तक यानी 16 अगस्त 2018 से लेकर 22 अगस्त 2018 तक हमारे देश का झंड़ा आधा झुकायाजायेगा। साथ में ही केंद्र सरकार के कार्यालयों में काम करने वाले लोगों को आधे दिन का अवकाश भी दिया गया, ताकि ये अधिकारी अटल जी को जाकर श्रद्धांजलि दे सकें।
इसके अलावा कई राज्यों की सरकारों ने भी अपने राज्य में राजकीय शोक घोषित किया है और अपने राज्य के सरकारी स्कूलों और दफ्तरों को भी बंद रखा गया,जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य की सरकार ने अपने राज्य में 2 दिनों के अवकाश का ऐलान किया है।
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